Saturday, March 7, 2009

मैं कौन....

मैं कौन...

बिशवास मन की,

उम्मीद दिल की,

चमक आँखों की,

और गर्मी बाहों की!

मैं हूँ जीत जवान की,

काबु बलवान की,

हूँ मैं इन्तजार पयार की,

और इन्तहा ऐतबार की!

मैं कौन....

खुशबू हवा की,

आराम दवा की,

बहाव नदी की,

और सोच कवि की!

मैं हूँ युद्ध जीवन मरण की,

चरण गुरु की,

और प्रतिज्ञा कारन की!

मैं कौन....

'मुकुल' कहे जीवन ऐसा जीना,

'मैं कौन...' की खोज में राह ऐसा बनाना,

'हो जीवन संदेश मेरा' 'मुकुल को बस ख़ाक में हैं मिल जाना!

-मुकुल प्रियदर्शी

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