Wednesday, July 6, 2011

दम लगा के दौड़ ज़रा!!!

चल दम लगा के दौड़ ज़रा!!!
गलियों से, पगडंडियों पे,
राहें, नालें, कुचों से,
कल कल बहती नदियों से किनारों पे,
हरे हरे खेतों से.....
सर उठा, हाथ फैला....
दम लगा...
दम लगा के दौड़ ज़रा!!!

तितली पकड़,
हवा को जकर,
दुर 'आम के पेर' की ओर....
संग यारों के चल तो ज़रा,
कदमों को हिला,
खुद को कर ढीला....
दम लगा.......
दम लगा के दौड़ ज़रा!!!

खुला बदन, खाली कदम,
सर पर आश्मा सारा...
देख वो पानी के नाले से मुकुल भागा,
पकड़ उसे, पकड़ ज़रा...
वो पीछे पीछे राहुल भी भागा,
दम लगा.....
दम लगा के दौड़ ज़रा!!!
-मुकुल प्रियदर्शी

Mistakes in hindi writing could be attributed to my limited knowledge of google transliterate tool. I am aware of some of the mistakes but don't know how correct them. Any KT for the same is welcome :)